बून्दी शहर के मध्य में स्थित रानी जी की बावडी की गणना एशिया की सर्वश्रेष्ठ बावडियों में की जाती है। इस अनुपम बावडी का निर्माण राव राजा अनिरूद्व सिंह की रानी नाथावती ने करवाया था। कलात्मक बावडी में प्रवेश के लिए तीन द्वार है। बावडी के जल-तल तक पहुचने के लिए सो से अधिक सीढियों को पर करना होता है। कलात्मक रानी जी की बावडी उत्तर मध्य युग की देन है। बावडी के जीर्णोद्वार और चारो ओर उद्यान विकसित होने से इसका महत्व सैलानियों के बढ गया है। हाल ही में रानी जी की बावडी को एशिया की सर्वश्रेष्ठ बावडियो में शामिल किया गया है। इसमें झरोखों, मेहराबों जल-देवताओं का अंकन किया गया है। वर्तमान में रानी जी की बावडी संरक्षण का जिम्मा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पास है।
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