इस छतरी का निर्माण रावराजा अनिरूद्व सिंह (सन 1681-1695) ने अपने धाय भाई देवा गुर्जर की याद में सन 1683 में कराया था। कोटा रोड पर राजकीय महाविद्यालय के सामने रणजीत निवास परिसर में स्थित दो मंजिला छतरी के 84 खम्भे है तथा चबूतरे के चारों ओर विभिन्न पशु-पक्षियों, देवी-देवताओं आदि के चित्र पत्थर पर उकेरे गये है। स्थापत्य व पाषाण कला का यह अदभूत नमूना हैं। इसके आंगन में एक सुन्दर बगीचा भी स्थित है।
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